वरिष्ट राष्ट्रीय नेता ज्योति बसु के निधन पर शोक
जब तक शोषण और गरीबी है , ज्योति बासु रहेंगे - मो. सलीम
कोलकाता 17 जनवरी । प्रखर राष्ट्र नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु का आज निधन हो गया। 96 वर्षीय बसु पिछले कुछ समय से पूर्ण रूप से जीवन रक्षक प्रणाली पर निर्भर थे। पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज के प्रधान संरक्षक , पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि ज्योति बसु ने बंगाल कि राजनिती की , पर पुरे देश की राजनिती को प्रभावित किया। वे एक सच्चे राष्ट्र नेता थे। ६ दशक से ज्यादा संघर्ष से तपे उनके व्यक्तित्व व कुशल नेतृत्व ने भ्रष्टाचार मुक्त शाषन दिया। विभिन्न भाषा धर्म जाती को एक साथ लेकर चलने में वह सफल रहें। समाज परिवर्तन के लिए लड़ाई को सशक्त करने में वे जीवन भर लगे रहें। जब तक देश में भूख,महंगाई, गरीबी और शोषण है, ज्योति बसु रहेंगे।
पशिम बंग हिंदी भाषी समाज के संरक्षक पूर्व पुलिश महानिदेशक दिनेश वाजपई ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा किज्योति बसु सही मायनो में भाषा जाती धर्म क्षेत्रीयता निरपेक्ष समानतावादी मानवतावादी व्यक्ति थे। उन्होंने कठिन समय में राज्य को नेतृत्व दिया था। विशेषकर इंदिरा गाँधी कि हत्या और बाबरी मस्जिद कांड के समय वे विभिन्न समुदायों को साथ लेकर चले और नेतृत्व दिया। उनका पुलिश को स्पष्ट निर्देश था कि दंगा फसाद कुछ भी नहीं होना चाहिए। दुशारें राज्यों कि तुलना में पश्चिम बंगाल पुलिश की धर्म निरपेक्ष छवि बननेका सारा श्रेय उनको जाता है। वे सही अर्थों में एक राष्ट्रीय नेता थे।
पशिम बंग हिंदी भाषी समाज उन्हें श्रधांजलि देता है और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करता है।
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