Sunday, November 28, 2010

भगत सिंह के विचार शाषन के शोषण के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा और शक्ति -बिमान बोस
कोलकाता 9 अक्टूबर शहीद यादगार समिति द्वारा 28 सितम्बर को स्थानीय शहीद भगत सिंह उद्यान (मिंटो पार्क) में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह कि 103 वीं जन्म जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन उपन्यासकार विजय शर्मा की अध्यक्षता में किया गया भगत सिंह की मूर्ति प.बं.वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, शहीद यादगार समिति के संरक्षक भू.पू. सांसद मोहम्मद सलीम, लेखक और भू.पू. सांसद सरला माहेश्वरी, कार्यक्रम के अध्यक्ष उपन्यासकार विजय शर्मा, रविद्र भारती वि.वि. के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुस्नात दास, प.बं सरकार के मंत्री क्षिति गोस्वामी और मंत्री प्रतिम चट्टर्जी, समिति के संयुक्त संयोजक डॉ. अशोक सिंह और महिंदर सिंह गिल, अल्पसंख्यक उन्नयन और वित्त निगम के निदेशक मंडल के सदस्य सोहन सिंह अटानिया,अरुण माहेश्वरी, पश्चिम बंग राज्य विश्व विद्यालय (बारासात) की प्रेमचंद परिषद की संयुक्त संयोजक श्रेया जायसवाल, भगत सिंह विचार मंच के संयुक्त संयोजक दिनेश शर्मा, आशुतोष केसर, खालसा समूह की स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राओं आदि सभी उपस्थित जनो ने माल्यार्पण किया पश्चिम बंगाल वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए कहा कि शहीद यादगार समिति प्रति वर्ष भगतसिंह को याद करती है यह उचित है भगत सिंह को याद करने का मतलब है उनसे प्रेरणा लेना लाला लाजपत राय पर हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए भगतसिंह ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रतीक पुलिस अधिकारी सेंडर्स को मारा, परन्तु खेद जताते हुए कहा की निरीह हत्याएं करना हमारा मकसद नहीं है भगत सिंह के विचार शाशन के शोषण के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा और शक्ति देते हैं इन्कलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले भगतसिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर ही हम नया समाज बना सकते हैं शहीद यादगार समिति को राज्य में भगत सिंह के विचारों का प्रसार करना चाहिये मैं शहीद ए आज़म भगतसिंह का अभिनन्दन करता हूँ प्रधान वक्ता शहीद यादगार समिति के संरक्षक मोहम्मद सलीम ने कहा कि तमाम जन संगठन मिलकर भगत सिंह को याद करते हैं मैं उन्हें अपना श्रधा सुमन अर्पित करता हूँ नयी फिल्मे, नये गाने , नये फैशन कुछ दिनों के बाद लोग भूल जातें हैं लेकिन भगतसिंह को नहीं भूल सकते उनके विचार बेशकीमती हैं उन्होंने कहा था की मारा हुआ भगत सिंह जिंदा भगतसिंह से ज्यादा खतरनाक होगा वो अपने विचारों के कारण आज भी जिन्दा हैं उन्होंने अध्यन किया,विश्व क्रांतिकारियों का इतिहास पढ़ा बाबरी मस्जिद को तोडने वाले अदालतों में मुकर गये लेकिन भगतसिंह बहरे कानो को सुनाने के लिए धमाका करने के बाद भागे नहीं भगत सिंह की बातें मीडिया में नहीं आती यह उनके उद्धेश्य और लक्ष्य से नहीं मिलती आतंकवादी होना और क्रांतिकारी होना , दौनो में बहुत अंतर है माओवादी क्रन्तिकारी नहीं है भगत सिंह ने देश के नौजवानों को जोड़ा राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद, गोरखालैंड, केएलओ, हिंदू साम्प्रदायिकता, मुस्लिम साम्प्रदायिकता के नाम पर आज देश को तोडा जा रहा है भगतसिंह ने नौजवान सभा बनाकर देश के नौजवानों को जोड़ा देश के सरे क्रांतिकारियों को एक संगठन से जोड़कर आंदोलन को एक अखिल भरतिया स्वरुप दिया हम आज भी कामन वेल्थ गेम्स के नाम पर गुलामी के प्रतीकों को सहेज रहें हैं यह सब कुछ लोगों को आर्थिक सुविधा प्रदान करता है इस गेम्स की पोल खुल चुकी है सरकार के ग्रीन रूम की घटनाये स्टेज पर आ चुकी हैं समिति के संयुक्त संयोजक डॉ अशोक सिंह ने कहा कि भगत सिंह से प्रेरणा लेने के लिए कार्यक्रम हो तो ठीक है, लेकिन फोटो खिंचवाने के लिए हो तो ठीक नहीं है उन्होंने सरकार से मांग कि की बी टी रोड का नाम भगतसिंह मार्ग किया जाये लेखक और भू.पू. सांसद सरला महेश्वरी ने कहा कि मनुष्य और मनुष्य के बीच भेद भाव और विषमताओं की दीवारें खड़ी की जा रहीं हैं पुन्जिह्हुदा है और मुनाफा मुक्ति मुल्यों से सरोकार नहीं रखा जा रहा है ऐसे समय मेंभागात्सिंह हमें रास्ता दिखातें हैं उपभोक्तावादी नीति के खिलाफ भगत सिंघ्की ओज भरी वाणी हमें याद आती है 20 मार्च को उन्होंने पंजाब के गवर्नर को पत्र लिखा- ‘हाँ ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध हम भारत की जनता केयुद्ध का नेतृत्व कर रहें हैं भगत सिंह की लड़ाई आज भी जारी है क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है शाषक शोषक वर्ग भगत सिंह के क्रांति के विचारों से डरता था, डरता है भगतसिंह का बलिदान नौजवानों को प्रेरणा देता है गोरे प्रभुओं की जगह काले प्रभु शाशन के सूत्रधार बने , इसलिए उन्होंने अपना बलिदान नहीं दिया उनके विचार संपूर्ण व्यवस्था बदलने के विचार थे भगत सिंह के आदर्श के जज्बों को समझने की जरुरत है आज हमें एक समता मूलक समाज के निर्माण की प्रतिज्ञा करनी चाहिये रवीन्द्र भारती विश्व-विद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुस्नात दास ने कहा कि इस पवित्र दिन पर मैं आपके साथ हूँ ,यह मेरे लिए गर्व की बात है मैं हिंदी अच्छी नहीं बोल सकता यह लज्जा की बात है परन्तु पूरे विश्व में क्रांतिकारियों की एक ही भाषा है भगत सिंह हमारे देश के बौद्धिक क्रांतिकारी थे उन्होंने विचार कर पूरे देश के क्रांति करी संगठनो को जोड़ा और हिन्दुस्तान रिपब्लिक सोसलिस्ट आर्मी का गठन किया मेरठ षडयंत्र केस के बाद क्रांतिकारी आंदोलन ने गति पकड़ी भगत सिंह ने इस आंदोलन को वैचारिक आधार दिया प. बं सरकार के अग्नि शमन और आपातकालीन सेवा विभाग के मंत्री श्री प्रतिम चट्टर्जी ने कहा कि हम स्वाधीन नहीं हैं कामन वेल्थ गेम्स का उदघाटन राष्ट्रपति करेंगी या युवराज चार्ल्स , इस पर बहस हो रही है तो कैसे कहें की हम स्वाधीन हैं भगत सिंह के विचारों का देश बनाने के लिए संघर्ष करना होगा जनकार्य विभाग के मंत्री श्री क्षिति गोस्वामी ने कार्य क्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल के श्री अरविन्द की अनुशीलन समिति से लेकर यु.पी. के चन्द्रसेखर आजाद तक उन्होंने सब को जोड़ा क्रांति का लक्ष्य क्या हो,यह भगत सिंह ने बताया ब्रिटिश शाषन से मुक्त होना ही भगतसिंह का सपना नहीं था किसानों और मजदूरों को शोषण और गरीबी से मुक्ति मिले तभी क्रांतिकारियों का सपना पूरा होगा भगत सिंह का सपना आज भी अधूरा है इन्कलाब जिंदाबाद कहकर उन्होंने भगत सिंह को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये सेन्ट्रल मोडल हाई स्कूल , गुरु नानक मोडल स्कूल, खालसा इंग्लिश हाई स्कूल, खालसा हिंदी हाई स्कूल, खालसा हाई स्कूल फॉर बोयज , खालसा मोडल सीनियर सेकंडरी स्कूल आदि खालसा समूह के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा इस अवसर पर देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किये गये संयुक्त संयोजक महिंदर सिंह गिल ने संचालन और किया

केशव भट्टड़
मीडिया प्रभारी
09330919201

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